सम्मेद शिखर जी पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, पारसनाथ में नहीं होंगी पर्यटन एवं इको टूरिज्म गतिविधियां, जैन समाज ने पीएम मोदी का जताया आभार…

नई दिल्ली। जैन मतावलंबियों के आस्था के केन्द्र तीर्थराज सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाए जाने के झारखंड सरकार के फैसले पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है. आज यानी 5 जनवरी को केंद्र सरकार ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर पारसनाथ की पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधियों पर रोक लगा दी.
झारखंड सरकार को इसके लिए तत्काल सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है. केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने सरकार के फैसले को ट्वीट करते हुए देशवासियों से यह जानकारी साझा की हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि, झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का सबसे बड़ा तीर्थस्थल है. समुदाय के सदस्य पारसनाथ पहाड़ी पर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के कदम का विरोध कर रहे थे.
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अगस्त 2019 में पारसनाथ अभयारण्य के आसपास एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र अधिसूचित किया था और राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के अनुसरण में पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियों को मंजूरी दी थी.
मंत्रालय ने झारखंड सरकार के वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें कहा गया है कि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र इस क्षेत्र में अधिसूचना के खंड तीन के प्रावधानों का कार्यान्वयन तत्काल रोका जाता है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और पर्यावरण-पर्यटन गतिविधियां शामिल हैं. राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक कार्यालय ज्ञापन भेजा है. केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने सरकार के फैसले को ट्वीट किया –
जैन धर्म के श्री सम्मेद शिखरजी पर्वत क्षेत्र की मर्यादा, पवित्रता और महत्व के प्रति मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर झारखंड सरकार को इस क्षेत्र में शराब, मांसाहार और नशीली वस्तुओं की बिक्री पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। pic.twitter.com/HrbXreydF6
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) January 5, 2023
वही इसी बीच जैन समूहों के प्रतिनिधियों ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कि और कहा कि केंद्र के इस फैसले से यह सुनिश्चित होगा कि उनके सबसे पवित्र तीर्थ स्थल की पवित्रता बनी रहेगी. हमारी चिंताओं को दूर कर दिया गया है और इस मुद्दे को हमारी संतुष्टि के अनुरूप सुलझा लिया गया है.