छत्तीसगढ़ का लोक पर्व छेरछेरा पुन्नी आज

बेमेतरा। chherchera punni folk festival of chhattisgarh today छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार में से एक त्योहार छेरछेरा पुन्नी भी है। आज के दिन गांव के बच्चे टोली बनाके के घर-घर जाकर। एक साथ आवज लगाते है, छेरिक छेरा माईकोठी के धान ला हेरी के हेरा….. और गांव का किसान बड़ी ही सहजता और सेवा भाव से बच्चों को अपने कोठी में रखे धान से घर में आने वाले एक-एक बच्चे को एक मुठ्ठी दान देता है।
कहते है कि आज के दिन दान मागने वाल प्रत्येक बालक ब्राम्हण के रूप में होता और छेरी,छै़ व अरी से मिलकर बना है। मनुष्य के छह बैरी काम, को्रध, मोह, लोभ, तृष्ण और अहंकार है। इस लिए आज के दिन माई अपने घर से किसी को खाली हाथ वापस नही भेजती दान देकर ही विदा काती है।
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