छत्तीसगढ़ की सशक्त अर्थव्यवस्था के लिए शासन की औद्योगिक नीति 2019-2024 कारगर
राजनांदगांव। वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर एवं वाणिज्य एवं उद्योग वाणिज्य कर (आबकारी) मंत्री कवासी लखमा ने आज हॉटल एबीस ग्रीन्स में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग तथा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र राजनांदगांव द्वारा आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला उद्यम समागम का शुभारंभ किया। मुख्य अतिथि की आसंदी से वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह उद्यम समागम अधिक से अधिक लोगों को उद्योग लगाने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। वर्ष 2019-2024 की औद्योगिक नीति के तहत उद्यमियों को समावेशी विकास आत्मनिर्भर एवं परिपक्व अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए विभिन्न तरह की छूट प्रदान की गई है, जो देश में सबसे अधिक है।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश में लोकल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। जहां 50 हजार करोड़ रूपए का एमओयू किया गया। शासन की नीति विश्वसनीयता पर आधारित है। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में 4 हजार करोड़ रूपए की जमीन टाटा से लेकर वापस आदिवासियों को प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि किसी भी भू-स्वामी की जमीन उसकी सहमति से ही लेना चाहिए। बस्तर में आकर्षक पैकेज, पुर्नवास की व्यवस्था के साथ आदिवासियों की सहमति के आधार पर औद्योगिक नीति का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की सोच के अनुरूप उद्योगपतियों को पूंजी निवेश में छूट एवं औद्योगिक निवेश में प्रोत्साहन के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए है।
वन एवं जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि लघुवनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है और 112 करोड़ रूपए का लघुवनोपज समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा खरीदा गया है, जो देश का 73 प्रतिशत लघुवनोपज है। उन्होंने कहा कि वैल्यू एडिशन के बाद लघुवनोपज का लाभ महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मिलेगा। वर्ष 2019 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को 602 करोड़ रूपए पारिश्रमिक भुगतान किया गया। तेंदूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक दर वर्ष 2018 में 2500 रूपए बोरा था, जिसे बढ़ाकर 4000 रूपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रचुर लघुवनोपज को देखते हुए वनोपज, हर्बल तथा खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए वनांचल उद्योग पैकेज लाया गया है। जिससे इस क्षेत्र में आर्थिक निवेश करने वाले उद्यमियों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना गोबर पर आधारित विश्व की पहली योजना है, जिससे प्रदेश के 1 लाख 48 हजार परिवार को रोजगार मिला है। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण किया जा रहा है। शासन की ओर से किसानों के 9 हजार करोड़ कर्ज की माफी की गई है। वहीं सभी के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न दिया जा रहा है। 2500 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की जा रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को तीन किश्त की राशि दी जा चुकी है और चौथी किश्त मार्च में दी जाएगी।
वाणिज्य एवं उद्योग वाणिज्य कर (आबकारी) मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शासन द्वारा 2019-2024 के लिए औद्योगिक नीति का निर्माण किया गया है। नीतियों का निर्धारण करने के पूर्व अधिकारियों ने महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात एवं अन्य राज्यों का भ्रमण कर औद्योगिक नीति का अवलोकन किया और प्रदेश की आवश्यकताओं के अनुरूप सबसे अच्छी औद्योगिक नीति का निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि जिले में दो वर्ष में 41 उद्योग लगे हैं और इस दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढिय़ा एवं किसान है। राज्य शासन द्वारा युवाओं को रोजगार देने के लिए कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लघु वनोपज से समृद्ध प्रदेश है और यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के उद्योगपतियों को सुविधाएं देने के लिए सिंगल विंडो प्रणाली की व्यवस्था की गई है। ताकि एक ही नोडल कार्यालय जो वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के अधीनस्थ होगा। जहां आवेदन प्राप्त कर निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
महाप्रबंधक जिला एवं व्यापार उद्योग केन्द्र राजीव शुक्ला ने बताया कि राजनांदगांव जिले में कुल 6982 औद्योगिक इकाई कार्यालय में पंजीकृत है। जिसमें सूक्ष्म एवं लघु इकाई 6968 तथा मध्यम एवं लार्ज इकाई की संख्या 14 है। पिछले 2 वर्षों में जिले में कुल 41 नवीन इकाई स्थापित हुए है। जिसमें से कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के 17 इकाई स्थापित हुए हैं। इन इकाईयों के स्थापित होने से जिले में कुल 55 करोड़ 37 लाख रूपए निवेश एवं 393 मानव रोजगार का सृजन हुआ है। फूडपार्क के लिए भूमि का चिन्हांकन किया गया है एवं भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई चल रही है। युवा उद्यमियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा संचालित योजना (वर्ष 2019-20) में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत जिले को आबंटित लक्ष्य 42 के विरूद्ध 61 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं एवं मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनांतर्गत जिले को आबंटित लक्ष्य 23 के विरूद्ध 23 हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया गया है। उपरोक्त योजनाओं में क्रमश: 450 एवं 48 रोजगार सृजित हुए हैं।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में संसदीय सचिव एवं विधायक मोहला-मानपुर इंद्रशाह मण्डावी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं विधायक डोंगरगाांव दलेश्वर साहू, अध्यक्ष अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण एवं विधायक डोंगरगढ़ भुनेश्वर बघेल, विधायक खुज्जी श्रीमती छन्नी साहू, विधायक खैरागढ़ देवव्रत सिंह, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम धनेश पाटिला, महापौर श्रीमती हेमा देशमुख, अल्पसंख्यक आयोग .