झुलसा बीमारी का लगातार बढ़ रहा है प्रकोप

आलू की फसल को झुलसा बीमारी से बचाने के लिए किसान फफूंदनाशक दवा का छिडक़ाव शुरू कर दे। प्रदेश के कई शहरों में आलू की फसल पर इसका प्रकोप शुरू हो गया है।
यह जानकारी जिला उद्यान अधिकारी मीना देवी ने दी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ को एक पत्र के माध्यम से जानकारी मिली है कि प्रदेश के कानपुर नगर के चौबेपुर व फर्रुखबाद जनपदों में पिछेता झुलसा का प्रकोप शुरू हो गया है। उन्होंने जिला के किसानों से अपील की है कि जहां पर अभी इस बीमारी का प्रकोप शुरू नहीं हुआ है वहां पर भी किसान फफूंदनाशन दवा का छिडक़ाव शुरू कर दें।

उन्होंने बताया कि किसान मैन्कोजेब-प्रोपीनेब और क्लोरोथेलोंनील युक्त फफूंदनाशक दवा का 2.0-2.5 किग्रा0 दवा 1 हजार लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिडक़ाव तत्काल शुरू कर दे। इसके अलावा जहां पर इस बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया है। वहां पर किसान फफूंदनाशक-साईमोक्सेनिल और मैन्काजेब दवा का 3.0 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर या फिर फेनोमिडोन- मैन्कोजेब का 3.0 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर अथवा डाईमेथोमार्फ 1.0 किग्रा0- मेन्कोजेब 2.0 किग्रा0 का प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 1 हजार लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव शुरू कर दें। अगर कहीं पर बारिश का सम्भावना बन रही है तो फफूंदनाशक के साथ स्टिकर (चिपचिपा) को 0.1 प्रतिशत की दर से मिलाकर छिडक़ाव करें। फफूंदनाशक को दस दिन के बाद दोबारा छिडक़ाव किया जा सकता है।

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