CRPF jawans rescued stray deer lambs : लावारिश मिले हिरण के मेमनों को सीआरपीएफ के जवानों सुरक्षित बचाया, इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन को सौंपे बच्चे

CRPF jawans rescued stray deer lambs:
जनधारा 24 न्यूज डेस्क। CRPF jawans rescued stray deer lambs:
सीआरपीएफ की टुकड़ी जंगलों में तलाशी अभियान पर निकली थी।
CRPF jawans rescued stray deer lambs:
वहां उन लोगों को हिरण के दो मेमने देखने को मिले।
वहां न तो कोई हिरणी दिखाई दी, न ही कोई हिरण।
ऐसे में कम उम्र के इन बच्चों को जंगली जानवरों से खतरा था।
सीआरपीएफ के बहादुर जवानों का हृदय इन
बच्चों को देखकर पिघल गया।
उन्होंने दोनों बच्चों को वहां से उठाया और
उनको लेकर सीधे कैंप आ गए।
ये बच्चे जवानों को इंद्रावती टाइगर रिजर्व
अभ्यारण्य पामेड़ में मिले थे।
CRPF jawans rescued stray deer lambs : चिकित्सकों की देखरेख में कैंप में रखे गए बच्चे
23 जनवरी को इन्द्रावती टाइगर रिजर्व के पाल्मड अभ्यारण्य क्षेत्र में
CRPF जवानों द्वारा की गई तलाशी के दौरान दो युवा हिरण
जंगल में लावारिस मिले थे।
उन्हें CRPF कैंप में लाकर चिकित्सकीय देखरेख
में सुरक्षित रखा गया था।
CRPF ने इसकी सूचना इंद्रावती टाइगर रिजर्व प्रबंधन को दी।
उसके बाद एरिया ऑफिसर सुबोध झा
अपने स्टाफ के साथ तुरंत CRPF कैंप पामेड़ पहुंचे
और हिरण के दोनों बच्चों को लेकर उनकी जांच कराई।
किसे सौंपे गए हिरण के मेमने
24 जनवरी को दोनों मेमनों को स्वास्थ्य जांच के बाद कांगेर घाटी
राष्ट्रीय उद्यान के कुटुमसर वन्यजीव प्रजनन केंद्र को सौंप दिया गया।
दोनों मेमनों की पहचान मादा के रूप में हुई है।
अमृतेश कुमार चौधरी डिप्टी कमांडर व
डॉ. इस कार्य में राहुल कुमार 204 कोबरा बटालियन
पामेड़ का अहम योगदान रहा।
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लोग सीआरपीएफ के जांबाज जवानों की
जमकर तारीफ कर रहे हैं।
वैसे भी भला बच्चे किसको अच्छे नहीं लगते।
CRPF के जांबाज जवानों ने दोनों
मेमनों की जान बचाकर अपनी सहृदयता का परिचय दिया है।
समाचार लिखे जाने तक दोनों मेमने बेहद सुरक्षित जगह पर पहुंच गए हैं।
जहां उनको किसी भी जंगली जीव का कोई खतरा नहीं रहेगा।