इस सुविधा के शुरू होते ही नहीं होगी Fastag की जरुरत, जानिए कैसे होगा टोल टैक्स का भुगतान

टेक डेस्क। टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से छुटकारा दिलाने के लिए लायी गयी सुविधा फ़ास्ट टैग (Fastag) के बाद अब केंद्र सरकार जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम से टोल टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही हैं, इस नई सुविधा के आने के बाद आपको हाईवे पर बिना रुके टोल टैक्स का भुगतान करने की सुविधा मिलेगी, हाइवे या एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों से जीपीएस इमेजिंग की मदद से टोल टैक्स लिया जाएगा. जीपीएस आधारित टोल टैक्स कलेक्शन कई यूरोपीय देशों में पहले से लागू है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक आने वाले दिनों में टोल बूथ के बदले जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम लगाए जाएंगे. हाइवे या एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों से जीपीएस इमेजिंग की मदद से टोल टैक्स लिया जाएगा.
जीपीएस आधारित टोल टैक्स कलेक्शन का सिस्टम कई यूरोपीय देशों में पहले से लागू है और उसकी सफलता को देखते हुए भारत में भी इसे लागू किया जाना है. मौजूदा नियम में टोल टैक्स की गणना के लिए हाइवे की दूरी यानी एक स्ट्रेच की दूरी देखी जाती है.
यह आमतौर पर 60 किलोमीटर का होता है और उसके कम या ज्यादा होने पर टैक्स में भी उसी हिसाब से बदलाव कर दिया जाता है, लेकिन 60 किलोमीटर को मानक माना जाता है. अगर उसी सड़क पर पुल, पुलिया या ओवरब्रिज आदि पड़ जाए तो उसका टोल बदल जाता है.
विदित हो कि बीते साल मार्च महीने में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में कहा था कि सरकार अगले एक साल में पूरे देश में लगे सभी टोल प्लाजा बूथ को हटा देगी. इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है.
जीपीएस टेक्नोलॉजी से होगा टोल टैक्स का भुगतान
टोल टैक्स वसूलने के लिए सरकार दो टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं. पहली टेक्नोलॉजी में वाहन में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगा होगा, जो हाईवे पर सैटेलाइट के जरिये वाहन मालिक के बैंक खाते से सीधे टोल का पैसा काटने में मदद करेगा. दूसरी तकनीक नंबर प्लेट के जरिये टोल वसूली की है.
नंबर प्लेट से टोल टैक्स का भुगतान
नंबर प्लेट में टोल के लिए एक कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लगा होगा जो सॉफ्टवेयर की मदद से टोल वसूलने में मदद करेगा. इस तकनीक में हाईवे पर जिस पॉइंट से गाड़ी प्रवेश करेगी, वहां उसकी जानकारी दर्ज हो जाएगी. इसके बाद जिस पॉइंट पर गाड़ी हाईवे से बाहर जाएगी, वहां भी दर्ज हो जाएगी. इस दौरान जितने भी किलोमीटर वाहन हाईवे पर चला होगा, उस हिसाब से वाहन मालिक के बैंक खाते से टोल काट लिया जाएगा.