कश्मीरियों को आतंकित करने और झूठे मामलों में फंसाने का काम कर रही एजेंसियां : महबूबा

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेता वाहिद उर रहमान पारा को अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) सता और प्रताड़ित कर रही है ताकि वह झूठे आरोपों को स्वीकार कर लें।

सुश्री महबूबा ने कहा कि जम्मू -कश्मीर सीआईडी ने विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख को हटा दिया है क्योंकि उन्होंने पारा के खिलाफ मनगढंत आरोपों को लगाने में सहयोगी होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,“जम्मू-कश्मीर सीआईडी उन केंद्रीय एजेंसियों की सूची में शामिल हो गई है जो कश्मीरियों को आतंकित करने और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने का काम करती हैं। वाहिद के खिलाफ झूठे आरोपों को लगाने में विफल रहने के बाद सीआईडी ने एसआईटी प्रमुख को बदल दिया है क्योंकि उन्होंने श्री पारा के खिलाफ मनगढ़ंत आरोपों को तैयार करने में सहयोगी होने से इनकार कर दिया है।”

पीडीपी प्रमुख ने कहा,“पारा को हिरासत में सताया और प्रताड़ित किया जा रहा है ताकि वह झूठे आरोपों को स्वीकार कर ले।” उन्होंने कहा कि झूठी स्वीकारोक्ति नहीं किये जाने के कारण श्री पारा को अमानवीय स्थिति में रखा गया है। उन्होंने कहा,“पहले दिन से ही यह जांच फर्जीवाड़े पर आधारित और राजनीति से प्रेरित है।”

गौरतलब है कि पुलवामा से जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के पांच दिन बाद श्री पारा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि परिवार के सदस्यों एवं पीडीपी नेताओं के उनके पक्ष में अभियान चलाने के कारण वह चुनाव जीत गये।

आतंकवादियों के साथ संबंध होने के आरोप में गिरफ्तार होने के करीब डेढ़ माह बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश सुनीत गुप्ता ने 10 जनवरी को पारा को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या अपराध विशेषकर गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (यूएपीए) के तहत कोई केस नहीं बनता प्रतीत होता है।

लेकिन रिहाई के चंद घंटों के भीतर ही जम्मू-कश्मीर पुलिस की ही एक इकाई काउंटर इंटेजीजेंस कश्मीर (सीआईके) ने फिर से पारा को गिरफ्तार कर लिया।

दक्षिण कश्मीर विशेषकर पुलवामा में पीडीपी का आधार मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्री पारा का नाम निलंबित पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह के मामले की जांच के दौरान उभर कर सामने आया था। सिंह को उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को अपने वाहन से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के जरिये ले जा रहा था।

 

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