भ्रष्टाचार से दुखी होने का हवाला देते हुए डीएसजीएमसी के दो सदस्यों ने थामा शिअदद का दामन

नयी दिल्ली। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के दो वरिष्ठ सदस्यों हरिंदरपाल सिंह और जतिंदर सिंह साहनी ने गुरुद्वारा कमेटी में बढ़ते कथित भ्रष्टाचार से दुखी होने का हवाला देते हुए शिरोमणि अकाली दल, दिल्ली (शिअदद) का दामन थाम लिया है।

शिअदद के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, महासचिव हरविंदर सिंह सरना और गुरमीत सिंह शंटी की मौजूदगी में बुधवार को दोनों नेता शिअदद में शामिल हुए। इस दौरान दोनों नेताओं ने अकाली दल की नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली के गुरुद्वारों में बढ़ते भ्रष्टाचार से दुखी होकर अकाली दल छोड़ा है।

उन्होंने इस दौरान पत्रकारों से कहा,“ डीएसजीएमसी आज भ्रष्टाचार की वजह से बर्बादी की कगार पर है। यहां पंथक मर्यादाएं तार-तार हो रही हैं। हमारे कर्मचारी भूखे तड़प रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। एक पंथक व्यक्ति के लिए यह सब बर्दाश्त करना मुश्किल है। यही वजह है कि हमने मजबूर होकर पार्टी छोड़ी। ”

इस मौके पर परमजीत सरना ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल अब अकाली नहीं रहे। इस दल ने सिखों और पंजाबियों की भावनाओं के साथ सिर्फ खिलवाड़ किया है। इसके नेता दिल्ली की सिख धरोहरों के साथ-साथ पूरे पंजाब को बर्बादी की कगार पर ले गये हैं। अपने गुनाहों की वजह से यह दल देश के राजनीतिक पटल से ही गायब हो जायेगा।

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