Cheti Chand, Julelal Jayanti 2023: आज धूमधाम से मनाया जा रहा चेटीचंड पर्व, जानें इस दिन के महत्व के बारे

Cheti Chand, Julelal Jayanti 2023: आज पूरे देश भर में चेटीचंड और झूलेलाल जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। आज का दिन सिंधी समाज के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। चेटीचंड के दिन से ही सिंधी हिंदुओं का नया साल शुरु होता है।
बता दें कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को चेटीचंड और झूलेलाल जयंती मनाई जाती है, चेटीचंड के दिन सिंधी समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं। मान्यताओं के अनुसार संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं।
क्या महत्व है इस दिन का
चैत्र मास को सिन्धी में चेत और चन्द्रमा को चण्ड कहा जाता है, इसलिए चेटीचंड का अर्थ चैत्र मास होता है। चेटीचंड को युगपुरुष के अवतार भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के रूप में जाना जाता है। भगवान झूलेलालजी को जल और प्रकाश का अवतार माना जाता है।
कहा जाता है कि प्राचीन काल में सिंधी समाज के लोग जलमार्ग से यात्रा करते थे। ऐसे में उन्होंने जल देवता झूलेलाल से अपनी यात्रा सुरक्षित करने की प्रार्थना की और यात्रा सफल होने पर भगवान झूलेलाल को धन्यवाद दिया।
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इसी परंपरा के बाद चेटीचंड पर्व माना जाता है। मान्यता है कि भगवान झूलेलाल की पूजा करने से व्यक्ति की हर बाधा दूर हो जाती है और व्यापार और रोजगार में तरक्की के रास्ते आसान हो जाते हैं।
चेटीचंड पर्व कैसे मनाया जाता है
चेटीचंड के अवसर पर श्रद्धालु एक लकड़ी का मंदिर बनाते हैं और उसके अंदर पानी और रोशनी से एक बर्तन जलाते हैं। जिसे बहाराना साहिब भी कहा जाता है।
भक्त भगवान झूलेलाल की मूर्ति को अपने सिर पर उठाकर पारंपरिक छेज नृत्य करते हैं। इस दौरान झांकी निकाली जाती है।
आज भी तट पर रहने वाले लोग जल के देवता भगवान झूलेलाल जी को मानते हैं। भक्त भगवान झूलेलाल की पूजा उडेरोलाल, घोरेदवारो, जिंदपीर, लालसाई, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल आदि नामों से भी करते हैं।
भारत के अलावा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में भी यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।