Catch the Rain : विश्व जल दिवस के मौके पर गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में ‘कैच द रेन’ विषय पर कार्यशाला का किया गया आयोजन, जल संरक्षण की दी जानकारी

बिलासपुर। Catch the Rain : गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर के वानिकी विभाग और कौशल विकास केंद्र के समन्वयन में विश्व जल दिवस के अवसर पर भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विवि के कुलपति आलोक चक्रवाल के सानिध्य से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व अधिष्ठाता कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च स्टेशन, मुंगेली ए.के साहू और विशिष्ट अतिथि रेशम शोध संस्थान बिलासपुर के डायरेक्टर श्रीराम मीणा उपस्थित रहें।

 

 

इस कार्यक्रम के दौरान कौशल विकास केंद्र के नोडल ऑफिसर डाॅ. रोहित राजा और कार्यक्रम में कार्यकारी कुलपति प्रोफेसर ए.के सक्सेना, कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव मौजूद थे, कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कार्यक्रम का संचालन वानिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ अजय कुमार सिंह ने किया गया।

 

तीन सत्रों में आयोजित हुआ कार्यक्रम

 

 

‘कैच द रेन’ विषय पर कार्यशाला के प्रथम सत्र में सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची विश्वविद्यालय झारखंड की वनस्पति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने रेन वाटर कंजर्वेशन ऐट ग्राउंड लेवल पर चर्चा की। साथ ही आईआईटी रुड़की उत्तराखंड के भूमि विज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉक्टर अजंता गोस्वामी द्वारा हिमालय क्रायोस्फीयर ऐन‌ इंपरिल्ड वॉटर टावर एंड इट्स फ्यूचर इन अ वार्मिंग वर्ल्ड पर चर्चा चली।

 

 

वहीं तकनीकी सत्र में सबसे पहले एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजी के विभागाद्यक्ष प्रो. दीपक झाझडिया ने वाटर मैनेजमेंट अंडर चेंजिंग क्लाइमेट केस स्टडी फ्रॉम नॉर्थईस्ट इंडिया के बारे में लोगों को बताया । इसके बाद दूसरे तकनीकी सत्र में हाइड्रो जियोलॉजिस्ट, बिलासपुर मनीष कुमार पांडेय ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर प्रिपरेशन एंड डिमॉन्सट्रेशन पर चर्चा सत्र लिया।

 

 

मध्य सत्र में अतिथि के रुप में संस्कृति उत्थान न्यास के शोध प्रकल्प के क्षेत्रीय संयोजक और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर के प्राध्यापक डाॅ रज्जन द्विवेदी एवं डॉक्टर अंबेडकर एक्सीलेंस सेंटर सीयू के प्राध्यापक डॉ अविनाश त्रिपाठी उपस्थित रहे। अविनाश त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में बताया कि जल से ही जीवन है और बिना इसके धरती पर जीवन संभव नहीं इसलिए इस प्रकार की संगोष्ठी अति महत्वपूर्ण हो जाती है।

 

 

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में जल शक्ति के अंतर्गत जल संरक्षण आयोजन (कैच द रेन) , जिसमें वर्षा जल संचयन की प्रयोगशाला द्वारा अंत किया गया। विश्व जल दिवस हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण के महत्व तथा साफ पीने योग्य जल के महत्व आदि को बताना था। वर्ष 2023 में विश्व जल दिवस का थीम “एक्सीलरेटिंग चेंज टू सॉल्व द वॉटर एंड सैनिटेशन क्राइसिस” रहा।

 

 

 

 

गौरतलब हैं कि, कार्यक्रम में सारे अतिथियों द्वारा जल दिवस के अवसर पर कई मूल बातों पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के 50 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।

 

कार्यक्रम में विभाग के अधिष्ठाता प्रो. एस.सी. तिवारी, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के.के. चंद्रा, प्राध्यापक प्रो. एस एस धुरिया, डॉ. भावना दीक्षित, डॉ. बृजेंद्र प्रताप सिंह, डॉ चौलानी और विभाग कौशल विकास अध्यक्ष डाॅ. अतुल भारद्वाज जी के साथ अन्य शिक्षक गण के साथ संचालन समिति के आलोक कुमार चंद्राकर, पूनम खेस, सुधीर रंजन चौधरी, आशुतोष आनंद, आकृति ताम्रकार, कृतिका ठाकुर समेत अन्य शोधार्थी मौजूद थे।

 

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