धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे पड़ा किसानों के खून पसीने की कमाई
– समिति ने धान उठाव नही होने को लेकर क्लेक्टर को सौपा ज्ञापन..
– शासन के आदेश के अनुसार बम्फर खरीदी होने पर 72 घण्टे के अंदर उठाव किया जाना चाहिए
सुरजपुर।जिले से सहकारीता मंत्री प्रेम सिंह टेकाम के गृह जिले में राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में खरीदे गए किसानों से धान समिति में जाम पड़े हुए, धान का उठाव नही होने से खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। साथ ही सम्भाग के सभी जिलों में से सबसे बुरा उठाव मामले में सुरजपुर की है। अब तक 20 – 21 प्रतिशत ही धान का उठाव किया गया है। बाकी धान समितियों में पड़ा हुआ है।
आदिमजाति सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के बैनर तले जिले के समस्त धान खरीदी प्रभारी, प्रबन्धक, आपरेटर धान समिति मव पड़े धान कि उठाव करने की मांग को लेकर क्लेक्टर को ज्ञापन शौपा है। सहकारी समिति के सदस्य 8 फरवरी को सुरजपुर क्लेक्टर रणबीर शर्मा व भटगांव विधायक पारस नाथ राजवाड़े को ज्ञापन शौप कर बताया कि सरगुजा सम्भाग में अन्य जिलों में धान उठाव की स्थिति बेहतर है। तो वहीँ सुरजपुर में कम बताया है। सम्भाग के अन्य जिलों से तुलना करते हुए कहा कि सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया के मुताबिक सुरजपुर की स्थिति काफी खराब है। यहां उठाव में तेज़ी नही आ रही है। जिस कारण समिति में धान खुले आस मान के नीचे पड़ा हुआ है।
सुरजपुर जिले में इस वर्ष बम्पर खरीदी की गई है। जिसमे से जिले भर के समस्त समितियों में कुल 21 लाख 900 दस हजार की खरीदी हुई है। जिसमें से परिवहन 4 लाख दो हजार 1 सौ छिहत्तर किवंटल धान परिवहन हो चुका है। साथ ही 16 लाख 8 हजार सात सौ कुछ किवंटल धान समिति में पड़ा हुआ है।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि शासन के आदेश के अनुसार बम्फर खरीदी होने पर 72 घण्टे के अंदर उठाव किया जाना चाहिए था। आगे कहते है कि धान उठाव नही होने से समिति में बड़े पैमाने में धान जमा हुआ है। धान में सुखद आ रही है। साथ ही लग़ातार चोरी भी हो रही है। इसके साथ चूहा सहित अन्य जीव जंतु जानवर से धान नष्ट हो रहा हैं। आगे कहते है कि प्रति ट्रक में 2 किवंटल तक कम हो रहा है। सुरजपुर जिला में संग्रहण केंद्र की शुरुआत होने की सूचना है। किंतु अब तक संग्रहण केंद्र में नही गया है। आगे कहते है कि संग्रहण केंद्र लोधीमा, देवनगर में धान सड़ने की खबरे आ रही है। कुछ इसी तरह की स्थिति हमारे समितियों में भी देखने को मिल सकता है। प्रशासन तत्काल संज्ञान में लेकर हमारे धान की उठाव कराएं ताकि धान में सूक्ति ना आने पाएं। आगे कहा कि अगर सूक्ति आती है तो हमे जिम्मेदा ठहराया जाता है। जबकि डीएमओ दफ्तर में सूक्ति के लिए ढाई प्रतिशत प्रति किवंटल रियायत दी जाती है।
आगे कहा कि हाल ही में एक कम्प्यूटर आपरेटर की हत्या हो गई जिसे शोक है। सरकार प्रशासन को समिति में कार्यरत कमर्चारियों का बीमा भी कराना चाहिए ताकि किसी तरह के कोई दुर्घटना होने पर हमारे परिवार को आर्थिक लाभ मिल सके।