आजादी के 74 वर्षों बाद भी पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए इच्छा मृत्यु की मांग करे तो बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात
सुपेबेड़ा के दूषित पानी की समस्या का हल जल्द हो -कोमल हुपेंडी
रायपुर । आजादी के 74 वर्षों बाद भी यदि किसी गाँव के लोग पानी जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रह जाये एवं सरकार द्वारा समाधान न निकाले जाने की सूरत में इच्छा मृत्यु की मांग करे तो इससे बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण बात क्या हो सकती है । पिछले एक दशक से देवभोग ब्लॉक के सुपेबेड़ा, मोटरपारा, सागौनबाड़ी, सेद्गुड़ा, खम्हारगुड़ा,खोकसार, केरलीगुड़ा, निष्ठिगुड़ा, परेवपाली जैसे लगभग 9 गांव के ग्रामीण शुद्ध पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए लगातार लड़ रहे हैं लेकिन उनकी इस समस्या का हल आजतक नही किया गया । आज वहां की स्थिति है कि पीने के पानी में हैवी मेटल और फ्लोराइड की मात्रा तय मानक से काफी ज्यादा होने की वजह से वहां के ग्रामीणों की किडनी की बीमारिया होने लगी है जिससे अबतक लगभग 100 से अधिक लोगो की मृत्यु हो चुकी है जो कि दुर्भाग्यजनक है , वहीं 200 से ज्यादा लोग गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं ।
आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि वहां इतनी गम्भीर समस्या है कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है । ग्रामीणों की यह समस्या जितनी जल्दी हो सरकार को हल करना चाहिए । 2019 में प्रदेश की राज्यपाल महोदय उस गांव का दौरा भी कर चुकी हैं । प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव जी भी जा चुके है, ऐसा नही है कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को पता नही है पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी 2018 विधानसभा चुनाव के पहले गांव का दौरा किया था, उस वक्त उन्होंने सत्ता में आने पर पीडि़त परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा और एक परिजन को नौकरी देने की बात कही थी, साथ ही दूषित पानी के समस्या के समाधान की बात की थी लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है । प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि हमारा आग्रह भूपेश बघेल जी है कि वो इस समस्या का जल्द से जल्द हल कर सुपेबेड़ा के ग्रमीणों को शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध कराया जाए, इसमें कतई राजनीति या आरोप प्रत्यारोप की राजनीति न करें ।
कोमल हुपेंडी ने बताया यह समस्या अब सिर्फ किडनी की बीमारी तक सीमित नही रह गई है ,यह एक सामाजिक बुराई का रूप लेते जा रही है और यही कारण है कि सुपेबेड़ा सहित 9 गांव के लोग अब इच्छा मृत्यु की मांग करने लगे हैं ।
पिछले 2 साल पहले जिस तेल नदी से पानी फिल्टर कर पाइप लाईन के जरिये ग्रामीणों तक पहुंचाने की योजना लाई गई थी व इस योजना में 16 करोड़ की लागत पर निविदा बुलाई गई एवं कार्य भी शुरू किया गया था जो आज लगभग बीते 5 माह से बन्द पड़ी है, उसे जल्द से जल्द पुन: चालू किया जाए ताकि सुपेबेड़ा के साथ सभी 9 गांव में पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध हो सके ।
कोरोना चला गया है अब सरकार कोरोना का बहाना न बनाये, साथ ही पीडि़त परिवार को 5 लाख और परिवार के 1 व्यक्ति को नौकरी भी भूपेश बघेल जी अपने चुनावी पूर्व वायदे को पूरा करे ।