मैन ऑफ द मैच रहे जीत के हीरो ने कहा -बल्लेबाजों की सोच ने हमें विकेट दिलाये

चेन्नई। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट मैच में मंगलवार को भारत की सीरीज में बराबरी हासिल करने वाली जीत के हीरो और मैन ऑफ द मैच रहे ऑफ स्पिन आलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि बल्लेबाजों के दिमाग की सोच ने हमें विकेट दिलाये।
चेन्नई के दूसरे मैच की पिच को लेकर खासतौर पर विदेशी खिलाड़ियों ने सवाल उठाये हैं और मैच के बाद अश्विन को भी इस सवाल से रूबरू होना पड़ा। मैच में आठ विकेट लेने वाले और भारत की दूसरी पारी में शतक बनाने वाले अश्विन ने कहा, “यह विकेट पहले मैच की विकेट से बहुत अलग था। यह लाल मिट्टी की विकेट थी, जबकि पहला विकेट मिट्टी का था। लोग मैदान के बाहर से बहुत कुछ कह रहे थे लेकिन मुझे लगता है कि जो गेंदें ज्यादा हलचल कर रही थीं, उस पर विकेट नहीं मिल रहा था और यह बल्लेबाजों के दिमाग की सोच थी, जिसने हमें विकेट दिलाए।”
अश्विन ने कहा, “मैं यहां वर्षों से खेल रहा हूं और ऐसा करने के लिए गति और मार्गदर्शन चाहिए। विपक्षी गेंदबाजों पर दबाव बनाना बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि अगर हम उन्हें दबाव के साथ गेंदबाजी करने देते तो यह उनके लिए आसान हो जाता। मैं सिर्फ इसे अपने ऊपर लेना चाहता था और पहली गेंद खेलने के बाद ही मुझे विश्वास हो गया था कि मैं इस विकेट के साथ ढल जाऊंगा। मैं ऐसा इंसान हूं जो कठिन प्रयास करता है और जब चीजें मेरे अनुकूल नहीं होती तो मैं और कठिन प्रयास करता हूं। बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ का बहुत सहयोग रहा है।अजिंक्या रहाणे ने मुझे यह बताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि मैं अपनी बल्लेबाजी के बारे में ज्यादा सोच रहा हूं।”
अश्विन ने कहा, “सिडनी में खेली एक पारी ने मेरे लिए एक लय निर्धारित की। मैं अपने खेल का आनंद ले रहा हूं और इस बात से खुश हूं कि चेन्नई में इतना सब कुछ हुआ। मैंने यहां चार टेस्ट मैच खेले हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह मैच मेरे लिए सबसे खास है। मुझे यहां क्रिकेट खेलते हुए हीरो जैसा एहसास होता है। पिच के संदर्भ में बात करें तो हर दबाव एक अलग परिणाम देता है। मैं कोशिश करता हूं और अलग तरह से बॉल फेंकता हूं। उछाल का उपयोग करता हूं। गेंदबाजी करने के लिए अलग-अलग कोणों का उपयोग करता हूं और गेंद की गति में बदलाव करता हूं और यह काम करता है, क्योंकि मैं इसको लेकर जागरुक हूं।”

 

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