बुढ़ापा रोकने वाली रिसर्चः वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक Reverse Ageing की प्रक्रिया को अंजाम दिया
जब कोई व्यक्ति अपनी वर्तमान उम्र से कम दिखने लगता है तो उसे रिवर्स एजिंग कहते हैं. वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोग में उम्र बढ़ाने वाली दो प्रक्रियाओं को रोकने में सफलता पाई. इजरायल (Israel) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी क्रांतिकारी रिसर्च की है जिससे आप हमेशा जवान बने रहेंगे और आपकी उम्र बढ़ना बंद हो जाएगी और आप 75 साल की उम्र में भी 25 साल के जवान जैसा शरीर हासिल कर पाएंगे. जिन बुजुर्गों पर ये प्रयोग किया गया, उनका शरीर अब 25 वर्ष के युवाओं जैसा हो गया है. अगर ये रिसर्च सफल रही तो ये कोशिश सिर्फ बुजुर्गों के लिए नहीं, बल्कि दुनिया के हर व्यक्ति के लिए एक वरदान साबित होगी.
ये शोध इजरायल की Tel Aviv University और Shamir Medical Center के वैज्ञानिकों ने किया है.
इस रिसर्च में 64 वर्ष से ज्यादा उम्र के 35 बुजुर्गों को शामिल किया गया था. इनमें से किसी भी बुजुर्ग को स्वास्थ्य संबंधी कोई गंभीर परेशानी नहीं थी.
इन 35 लोगों को हफ्ते में 5 दिन 90 मिनट के लिए शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती थी. इसके लिए इन बुजुर्गों को एक Pressurized Chamber में भेजा जाता था. ये सिलसिला तीन महीने तक चलता रहा. लेकिन जब इसके नतीजे आए तो इसने दुनियाभर के वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया.
शोधकर्ताओं ने दावा किया कि इस प्रयोग के बाद न सिर्फ इन 35 बुजुर्गों की उम्र बढ़नी बंद हो गई, बल्कि स्वस्थ कोशिकाओं के स्तर पर इनका शरीर किसी 25 वर्ष के युवा के बराबर हो गया. यानी सिर्फ तीन महीनों में वैज्ञानिकों ने सफलतापूर्वक रिवर्स एजिंग (Reverse Ageing) की प्रक्रिया को अंजाम दे दिया.
जब कोई व्यक्ति अपनी वर्तमान उम्र से कम दिखने लगता है तो उसे रिवर्स एजिंग कहते हैं. वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोग में उम्र बढ़ाने वाली दो प्रक्रियाओं को रोकने में सफलता पाई.
इसका पहला असर क्रोमोज़ोम पर दिखाई दिया. क्रोमोज़ोम शरीर में मौजूद DNA से तैयार होते हैं और क्रोमोज़ोम्स में किसी भी जीव की पूरी जेनेटिक जानकारी छिपी होती है. इन्हीं क्रोमोज़ोम्स के आखिरी सिरे को Telomere (टेलोमियर) कहते हैं. आसान भाषा में कहें तो Telomere (टेलोमियर)… बिल्कुल आपकी गाड़ी में आगे और पीछे लगे बंपर्स जैसे होते हैं. जिनका काम टक्कर के समय क्रोमोज़ोम्स को सुरक्षित रखना होता है.
क्रोमोज़ोम्स Chromosomes अपनी संख्या लगातार बढ़ाते रहते हैं और अपनी कॉपीज़ तैयार करते हैं. इस दौरान पुराने और नए क्रोमोज़ोम्स को टक्कर से बचाने का काम Telomere (टेलोमियर) ही करते हैं. लेकिन बार बार होने वाली इस टक्कर से Telomere (टेलोमियर) घिसने लगते हैं और लंबाई में छोटे हो जाते हैं. जब ये लंबाई में बहुत छोटे हो जाते हैं तो फिर क्रोमोज़ोम्स अपनी प्रतियां नहीं बना पाता, इसकी वजह से नई कोशिकाओं का निर्माण बंद हो जाता है. कोशिकाएं या तो मर जाती हैं या फिर इनका विकास रुक जाता है और निष्क्रिय हो चुकी यही कोशिकाएं बुढ़ापे और गंभीर बीमारियों की वजह बनती हैं.
लेकिन वैज्ञानिकों ने अपने प्रयोग के जरिए न सिर्फ Telomere (टेलोमियर) की लंबाई को कम होने से रोका, बल्कि Oxygen Therapy की वजह से निष्क्रिय हो चुकी कोशिकाओं की संख्या भी घटने लगी. इससे शोध में शामिल बुजुर्गों की उम्र न सिर्फ रुक गई, बल्कि नई और ताज़ा कोशिशों के जन्म लेने से उनका शरीर वैसा हो गया, जैसा अक्सर युवा अवस्था में होता है.
Oxygen Therapy के प्रयोग को अपने घरों में न दोहराएं
इस दौरान इन बुजुर्गों को लगातार 90 मिनट के लिए Oxygen नहीं दी जाती थी, बल्कि बीच बीच में इस प्रक्रिया को रोक भी दिया जाता था.लेकिन शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने और कम होने का परिणाम ये हुआ कि शरीर के अंदर शुरू हुए इस संघर्ष ने बुजुर्गों को फिर से जवान कर दिया.
हालांकि वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि Oxygen Therapy के इस प्रयोग को लोग अपने घरों में न दोहराएं, क्योंकि इससे आपके शरीर को नुकसान भी हो सकता है.