केन्द्र सरकार बार-बार छत्तीसगढ़ के साथ कर रहा छल और यहां के भाजपा नेता बहा रहे घड़ियाली आंसू
रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धान खरीदी को लेकर भाजपा द्वारा प्रस्तावित आंदोलन को लेकर छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नैतिकता के नाते भाजपा को आंदोलन नहीं करना चाहिए।
मुख्यमंत्री बघेल आज यहां मीडिया से बातचीत करते हुए भाजपा द्वारा धान खरीदी को लेकर 22 जनवरी को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर कहा कि नैतिकता के नाते भाजपा को आंदोलन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह आंदोलन वे नेता करें जिनको इस सिस्टम में विश्वास नहीं है, वे आंदोलन करें जो धान नहीं बेच पाये है। जो धान बेच लिए है और पूरी राशि प्राप्त कर लिए है मैं नहीं समझता कि उन्हें नैतिकता के नाते आंदोलन करना चाहिए।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मॉडल की बात कर रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस प्रकार से धान खरीदी हो रही है उसी प्रकार पूरे देश में होनी चाहिए। श्री बघेल ने कहा कि भाजपा के सारे केन्द्रीय मंत्री बोल रहे है निजी जगहों पर धान बेचने से आय दोगुना होगी, ये कैसे होगा। अगर यह सही है तो फिर क्यों ने बेचे ये बताते तो समझ में आता। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित सारे भाजपा नेता धान बेच चुके है और उससे पूरी राशि भी प्राप्त कर चुके है। उन्होंने कहा कि भाजपाई सिर्फ भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी को खुशी करने के लिए यह आंदोलन कर रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है।
मुख्यमंत्री बघेल ने एक प्रश्र के जवाब में कहा कि छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कांग्रेस ने ही शुरूआत की थी। इसके लिए कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में भी आंदोलन किया था और गिरफ्तारी हुई थी। उस समय भी भाजपा इसका विरोध कर रहे थे और आज भी कर रहे है। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र के तीन काले कानून ठीक है तो भाजपा नेताओं को यहां धान बेचना नहीं था और बेचे है तो इससे यह स्पष्ट होता है कि वे भी इन तीन काले कानून का विरोध कर रहे है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बारदाने की कमी के बावजूद कांग्रेस ने भाजपा शासन काल से ज्यादा धान की खरीदी कर चुकी है। अब तक 81 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी को लेकर कहीं कोई अव्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बार-बार धान खरीदी पर अड़ंगा डाल रही है। अगर केन्द्र सरकार तय बारदाना उपलब्ध करा देती तो हमें किसानों से बारदाना मांगना नहीं पड़ता। इस तरह केन्द्र सरकार बार-बार छत्तीसगढ़ के साथ छल कर रहा है और यहां के भाजपा नेता घलियालू आंसु बहा रहे है।