मेघालय के कोयला खनन क्षेत्र में दुर्घटना में छह श्रमिकों की मौत, प्रबंधक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

शिलांग। मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के दिनेशालु गांव के पास सोरारी में कोयला खनन क्षेत्र में एक दुर्घटना में छह श्रमिकों की मौत हो गई।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि यह हादसा गुरुवार को हुआ।

इसबीच राज्य सरकार ने पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के उपायुक्त ई शर्मालाकी को हादसे पर रिपोर्ट देने और जो भी इसमें शामिल है, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हादसा गुरुवार को दोपहर 12 से एक बजे के बीच हुआ और जिला पुलिस को घटना की सूचना लगभग 5.30 बजे शाम में मिली।

छह मृतकों में से, पांच की पहचान मोहम्मद दिलवर हुसैन (35), मकबूल हुसैन (45) अली हुसैन (40) जीलालुद्दीन (25) और अब्दुल चौबुर (30) के रुप में की गयी है। सभी असम के कछार जिले के सिल्चर के निवासी थे। छठे पीड़ित की पहचान का पता लगाया जा रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सलीम नामक उस क्षेत्र का प्रबंधक, जो काम की देखरेख कर रहा था, घटना के बाद से फरार है और खदान मालिक के ठिकाने का पता लगाने के लिए मामले की जांच चल रही है। माना जाता है कि सलीम भी असम से ही है।

पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार पलेचा ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि जिस क्रेन पर ये श्रमिक काम कर रहे थे वह यांत्रिक विफलता के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया और क्रेन 100 फीट से अधिक गहरे गड्ढे में गिर गया।

यह पूछे जाने पर कि क्या कोयला खनन क्षेत्र में कोई खनन गतिविधि चल रही थी तो श्री पलेचा ने कहा कि केवल ‘मिट्टी’ खोदी गई थी जो कि दुर्घटना स्थल पर पाई गई और कोयले के खनन का कोई निशान नहीं पाया गया। उन्होंने कहा,“हम यह नहीं कह सकते कि वे किसी बंद पड़े कोयला खान में काम कर रहे थे या एक नया कोयला खदान खोद रहे थे। हमें केवल मिट्टी के निशान मिले और कोयला नहीं मिला, लेकिन हम मामले की जांच कर रहे हैं।”

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश से अप्रैल 2014 से मेघालय में कोयला खनन पर प्रतिबंध है। ग्रीन कोर्ट ने कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि अनियमित और खतरनाक खानों में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

इसबीच राज्य के गृह मंत्री लाहक्मेन रिम्बुई ने कहा कि पुलिस इस घटना को देख रही है और आवश्यक जांच की जा रही है।

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